नीट का स्कोर अब तीन साल के लिए वैध होगा
पहली बार नीट स्कोर की मान्यता 1 वर्ष से बढाकर 3 वर्ष की गयी
5 मई को होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) परीक्षा के लिए एमसीआई ने एक बड़े नियम पर फैसला लिया है, अब ऐसे विद्यार्थी जो विदेश से एमबीबीएस की पढाई करना चाहते है अब उनके लिए वर्ष 2019 का नीट का स्कोर 3 वर्ष के लिए मान्य होगा।
NEET स्कोर की वैधता के बारे में लंबे समय से चल रहे भ्रम को दूर करते हुए, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) द्वारा एक जारी अधिसूचना में – बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने कहा: “NEET का परिणाम परिणाम घोषित होने की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए वैध होगा, इसके हकदार प्री-मेडिकल/भाषा पाठ्यक्रम सहित एमबीबीएस या समकक्ष मेडिकल कोर्स करने वाले अभ्यर्थी होंगे”।
अधिसूचना में आगे कहा गया है कि “इन नियमों को एक विदेशी चिकित्सा संस्थान (संशोधन) विनियमन, 2019 में एक स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए पात्रता की आवश्यकता” कहा जा सकता है।
पिछले मार्च में MCI ने अपनी अधिसूचना में कहा था: “भारतीय नागरिक / प्रवासी नागरिक भारत के बाहर किसी भी चिकित्सा संस्थान से प्राथमिक चिकित्सा योग्यता प्राप्त करने के इच्छुक हैं, मई 2018 को या उसके बाद MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए NEET अनिवार्य रूप से अर्हता प्राप्त करनी होगी। स्नातक चिकित्सा शिक्षा, विनियम 1997 में निर्धारित एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड को पूरा करना है। “
करियर काउंसलर विकास छाजेड ने बताया की लगभग 7,000 भारतीय छात्र प्रतिवर्ष भारत से विदेश में लगभग 10 से भी ज्यादा देश में चिकित्सा की पढाई के लिए जाते है ।
नीट स्कोर के 3 वर्ष के लिए वैधता वाला नियम ऐसे देश जहाँ मेडिकल से पूर्व प्री-मेडिकल या भाषा पाठ्यक्रम कोर्स करने के नियम है अब इन देशो से पढाई करने के लिए जाने वाले छात्रों को राहत मिलेगी, अब छात्र इन देशो में एक ही नीट स्कोर के साथ प्री मेडिकल के ठीक बाद मेडिकल की पढाई कर सकेंगे, बशर्ते प्री मेडिकल कोर्स से मेडिकल कोर्स में एडमिशन नीट के परिणाम के दिन से लेकर 3 वर्ष के भीतर हो जाना चाहिए, मतलब कोई छात्र प्री मेडिकल पढ़ रहा है तो प्री मेडिकल के पढाई 3 वर्ष के भीतर पूर्ण होते ही मेडिकल में प्रवेश लेना होगा
इस नियम को एक उदहारण के तौर पर समझा जा सकता है- जैसे नीट 2019 के परिणाम 5 जून 2019 को आयेंगे, विद्यार्थी जून 2019 के बाद अपनी मेडिकल की पढाई के लिए ऐसे देश का चयन करता है जहाँ प्री मेडिकल/भाषा पाठ्यक्रम कोर्स करना अनिवार्य है तो उस विद्यार्थी को 5 जून 2022 से पूर्व अपनी प्री मेडिकल/भाषा पाठ्यक्रम के कोर्स को पूर्ण कर 5 जून 2022 से पहले उसे प्री मेडिकल से मेडिकल में प्रवेश लेना होगा|
तभी इस नियम की सार्थकता होगी और विद्यार्थी स्क्रीत्निंग टेस्ट परीक्षा के लिए योग्य माना जायेगा
छाजेड ने बताया की नीट सबंधी स्कोर की वैधता को लेकर पहली बार यह फैसला लिए गया जो की छात्रों के हितो में होगा और कई छात्र इस नियम से लाभान्वित होंगे |