यूके में अंक आधारित नई वीजा प्रणाली की घोषणा, प्रतिभाओं के लिए खोले दरवाजे, भारत को मिल सकता है फायदा
यूके की गृह सचिव प्रीति पटेल ने एक नई अंक आधारित वीजा प्रणाली पेश की, जिसका मकसद भारत सहित दुनिया भर से बेहतरीन प्रतिभाओं को आकर्षित करना और कम कुशल कर्मचारियों के प्रवेश को सीमित करना है।
करियर काउंसलर और अब्रॉड एजुकेशन एक्सपर्ट विकास छाजेड़ ने बताया की यह नयी वीज़ा प्रणाली सर्वाधिक कुशल तथा प्रतिभावान लोगों को प्राथमिकता देती है, जो भारत में बहुतायत में हैं और अब प्रतिभाशाली भारतीयों को निश्चित ही इससे लाभ मिलेगा | ब्रिटिश उप उच्चायुक्त जॉन थॉम्पसन के अनुसार यह निति 2030 तक भारत सहित 6 लाख अंतर्राष्टीय विद्यार्थियों को आकर्षित करेगी |
छाजेड़ ने बताया की ब्रिटेन के 31 जनवरी को यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकलने के बाद संक्रमण अवधि 31 दिसंबर 2020 को खत्म हो जाएगी और एक जनवरी 2021 से यह नई प्रणाली लागू होगी। यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने के बाद यूरोपीय संघ और यूके के बीच लोगों की वर्तमान खुली आवाजाही की व्यवस्था भी खत्म हो जाएगी। नई प्रणाली भारत या अन्य देश के साथ यूरोपीय संघ के देशों पर भी समान रूप से लागू होगी और ये किसी खास कौशल, योग्यता, वेतन और पेशे के आधार पर मूल्यांकन अंकों पर आधारित होगी। अधिक मूल्यांकन अंक पाने वाले लोगों को वीजा दिया जाएगा और अंकों के आधार पर वीज़ा मिलने की सम्भावना रहेगी, जिसमे सबसे ज्यादा अनुभवी या वैज्ञानिक, इंजिनियर, प्रोफेशनल, मैनेजमेंट डिग्री वालो को फायदा होगा ।
यूके में भारतीय मूल की गृह सचिव प्रीति पटेल ने कहा, “आज पूरे देश के लिए ऐतिहासिक क्षण है। हम मुक्त आवाजाही को समाप्त कर रहे हैं, अपनी सीमाओं का नियंत्रण वापस ले रहे हैं और एक नए ब्रिटेन में अंक आधारित आव्रजन प्रणाली को शुरू करके लोगों की प्राथमिकताओं को पूरा कर रहे हैं, जिससे कुल प्रवास में कमी आएगी।”
क्या है नई प्रणाली में, क्या होगा असर ?
वैज्ञानिकों, इंजीनियरों को सर्वोच्च प्राथमिकता
दुनिया भर के सबसे प्रतिभाशाली और सबसे अच्छे लोगों को आकर्षित करना, अर्थव्यवस्था और समुदायों को बढ़ावा देंगे और देश की पूर्ण क्षमता को प्राप्त करेंगे। इस प्रणाली में सर्वोच्च कुशल और प्रतिभाशाली लोगों को वरीयता दी जाएगी। इन लोगों में वैज्ञानिक, इंजीनियर और अकादमी से जुड़े पेशेवर लोग शामिल होंगे।
25,600 पाउंड होगी न्यूनतम वेतन सीमा
कुशल कामगारों को विशिष्ट कौशल और अंग्रेजी बोलने की क्षमता समेत कई प्रासंगिक मानदंडों को पूरा करने की जरूरत होगी। सभी आवेदकों को जॉब ऑफर की जरूरत होगी और प्रवासन सलाहकार समिति की सिफारिशों को अनुरूप न्यूनतम वेतन सीमा 25,600 पाउंड (23.80 लाख रुपये) होगी। यह टीयर-2 वर्क वीजा के लिए पुराने 30,000 पाउंड के स्तर से कम होगी।
ए-स्तरीय अथवा समकक्ष योग्यता जरूरी
ब्रिटेन में रहने और काम करने के इच्छुक लोगों को वर्तमान प्रणाली के तहत सिर्फ डिग्री-स्तर के बजाय ए-स्तर या समकक्ष तक योग्य होने की आवश्यकता होगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि यह अधिक लचीलापन प्रदान करेगी और सुनिश्चित करेगी कि ब्रिटेन के कारोबार में कुशल श्रमिकों की एक विस्तृत पहुंच हो।
70 फीसदी ईयू कर्मचारी कम हो जाएंगे
ब्रिटिश गृह मंत्रालय के मुताबिक यह अनुमान है कि मौजूदा यूरोपीय संघ (ईयू) के 70 फीसदी कर्मचारी कुशल श्रमिक संबंधी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएंगे जिससे भविष्य में उनकी संख्या ब्रिटेन में कम हो जाएगी। अगले साल से ईयू के नागरिकों के लिए भी वीजा अंक-आधारित हो जाएगा |